janabat ghusl karne ki dua in Arabic

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इस्लाम एक बहुत ही पाक दीं है इस्लाम में हर एक चीज़ की दुआ मौजूद है. मुस्लमान अपना जो भी काम करता है वह हर काम को दुआ के साथ ही शुरू करता है. जिस काम को अल्लाह से दुआ मांग कर शुरू किया जाता है अल्लाह पाक उस काम को पूरा करने में मदद करता है. मुस्लमान कहते समय खाने की दुआ सोते समय सोने की दुआ पीते समय पीने की दुआ और उठते समय उठने की दुआ पढ़तें है. मुस्लमान इन दुआओं को पढता है तो उसका हर एक काम एक इबादत हो जाता है.आज इस ब्लॉग पोस्ट में हम आप को जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिक के बारे में बताएंगे.


जनाबत क्या है?

जनाबत की हालत वह होती जब आदमी या औरत की वीर्य(मणि) निकल जाये तो वह आदमी और औरत नापाक हो जाता है. नापाक होने की वजह से वह कुछ भी इस्लामी कार्य काम नहीं कर सकता है. इस्लामी कार्यों से मतलब क़ुरान चुना मस्जिद में दाखिल होना और नमाज़ पढ़ना. यह सारे मुबारक और पाक काम है इन कामों को करने केलिए इंसान को पाक होने ज़रूरी है.अगर वह नापाक व्यक्ति अब इबादर करना चाहता है तो उसे ग़ुस्ल करना होगा.ग़ुस्ल क्या है?ग़ुस्ल इस्लाम में नहाने को कहते है. इस्लाम में नहाने का भी अच्छा और बेहतरीन तरीका होता है. 

ग़ुस्ल में तीन फ़र्ज़ होते है. यह तीनो को अगर किसी ने छोड़ दिया तो उसका ग़ुस्ल नहीं होता है. इन तीनो का जानना बहुत ही ज़रूरी है. अगर आप को ग़ुस्ल के फ़राइज़ नहीं पता है तो आप हमारे ब्लॉग पर पढ़ सकते है.जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिसमूसलमान अपना हर काम दुआ से करना चाहता है लेकिन कभी कभी वह ऐसी चीज़ों की भी दुआ ढूंढ़ने लग जाता है जिन की दुआयें भी नहीं होती है. जैसे नहाने की दुआ जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ कुरिस पर बैठने की दुआ चाट पर चढ़ने की दुआ ऐसी दुआओं की कोई भी दुआ नहीं होती है.


जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिक

 ऐसी कोई भी दुआ नहीं है. यह सुन कर बहुत से लोग इस ब्लॉग नहीं पढ़ेंगे क्यूंकि वह सोचते है की इस को दुआ भी नहीं मालूम तो अगर आप किसी और के ब्लॉग पर इस की दुआ पा जाते हो तो आप उस से उस दुआ का हवाला मोंगो की यह दुआ किस हदीस में आयी है.जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिकाज कल वेबसाइट से पैसे कमाने के लिए कई बेदीन लोग भी इस्लामी दुआएं लिखतें तो उन लोगो को दीं के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है लेकिन पैसों की खातिर वह लोग नयी नयी दुआएं बनाते है और इस्लाम को गन्दा करने की कोशिश करते है. जैसे दुश्मन के घर में आग लगाने की दुआ. दुश्मन की फसल जलने की दुआ. ऐसी दुआओं कई स्लैम से कोई भी रिश्ता नहीं होता है.


janabat ghusl karne ki dua in Arabic

आप जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिक में चाहतें है तो आप बस अपने दिल में यह सोच कर ऐसी नियत कर सकतें है की अल्लाह यह ग़ुस्ल में तेरी रिज़ा की खातिर कर रहा हूँ में यह ग़ुस्ल इस लिए कर रहा हूँ की मैं तेरी इबादत कर सकूँ.रसूल पाक की हदीस है हर काम की बुनियाद उस काम के इरादे पर होती है अगर आप सड़क दे रहे है और आप के दिल में यह सोच है की लोग आप को मालदार समझें और आपकी तार्रेफ़ करें तो आपको सड़के का सबाब नहीं मिलेगा. इसी तरह अगर आप ग़ुस्ल करते है तो आप अच्छी नियत रखतें है तो आपको सबाब मिलेगा. 


conclusion 

जनाबत ग़ुस्ल करने की दुआ इन अरबिक ऐसी कोई दुआ असल में नहीं है. अगर आप में से कोई भी सबाब चाहता है तो वह अच्छी नियत रख कर नाहा सकता है उसे उसके नहाने का सबाब मिलेगा. उम्मीद करता हूँ आप को यह पोस्ट पसंद आयी होगी. 

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