nahane ki dua in hindi

nahane ki dua in hindi


nahane ki dua in hindi हमारा दीन और मज़हब इस्लाम है और इस्लाम में हर चीज़ को करने की एक दुआ होती है।  इस्लाम में हर चीज़, अच्छी चीज़ और अच्छे कामों को करने केलिए दुआएं मौजूद है जिन को पढ़ कर अगर हम अपना वह काम करते है तो हमारा काम बहुत ही आसान हो जायेगा और वह काम जल्दी पूरा हो जायेगा। 

nahane ki dua in hindi अगर आप को नहीं पता है तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आप को इस दुआ के बारे में बताने की पूरी कोशिश करेंगे तो आप को इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना होगा। 


nahane ki dua in hindi

नहाना बहुत से कारणों की वजह से होता है।  अगर आप पर ग़ुस्ल वाजिब है तो आप को ग़ुस्ल अच्छी तरह करना होगा।  इस्लाम में नहाने को ग़ुस्ल ही कहा जाता है।  ग़ुस्ल एक अरबी भांषा का शब्द है। 

nahane ki dua in hindi


ghusl kab farz hota hai

ग़ुस्ल फ़र्ज़ होने के लिए बहुत से कारण होते हैं। 

मणि के निकलने से ग़ुस्ल वाजिब हो जाता है।  अगर आप ने खुद से उसे निकाला है जैसे अपने हाथ से ( मअज़ल्लाह) तो आप पर ग़ुस्ल वाजिब हो जाता  है।  मणि  निकलने में यह शर्त है कि मणि  शहवत के साथ और झटके के साथ निकले अगर वह बिना झटके के निकली तो आप पर ग़ुस्ल वाजिब नहीं होगा। 

अगर मणि  बिना शहवत से निकल गई जैसे ज़्यादा वज़न उठाने से तो भी आप पर ग़ुस्ल वाजिब नहीं होगा। 


एह्तिलाम : एह्तिलाम उसे कहते है जब आप को रात में सपने देखने के बाद मणि निकले तो वह एह्तिलाम कहलाता है और आप पर इस से ग़ुस्ल वाजिब होता है।  अगर बिना सपने के भी आप को एह्तिलाम हो जाये तो भी आप पर ग़ुस्ल वाजिब हो जाता है। 

अगर आप ने सपना देखा और आप को लगा कि मणि गिर गई है लेकिन सुबह देखने पर वहां कुछ भी नहीं है तो ग़ुस्ल करने कि कोई ज़रुरत नहीं है। 


दुखुल : लिंग को अगर औरत के शर्मगाह के अंदर दाखिल किया तो इसे दुखुल कहा जाता है और अगर आप यह करते है तो आप पर ग़ुस्ल वाजिब हो जाता है। 

अगर मर्द यही काम औरत के पीछे करता है तो उस पर ग़ुस्ल वाजिब नहीं होगा जब तक मणि न गिर जाये। 


aurat par ghusl kab wajib hota hai

ऊपर बताई गई चीज़ों के साथ साथ औरतों पर इन दोनों चीज़ों की वजह से भी ग़ुस्ल वाजिब होता है। 

हैज़ : इसे हम periods भी कहते है और या औरतों को हर माह में आते है तो इस से भी औरतों पर ग़ुस्ल वाजिब हो जाता है। 

निफ़ास : निफ़ास उस खून को कहते है जो औरत को बच्चा होने के बाद निकलता है तो औरत पर इस के निकलने से भी ग़ुस्ल वाजिब हो जाता है। 


ghusl ki niyat in hindi  /ghusl ki niyat hindi mein

जब भी आप कोई भी काम करें तो उस काम को करने की नियत ज़रूर करें तो इस से आप को वह काम करने का बहुत फ़ायदा मिलेगा और साथ ही साथ सबाब भी मिलेगा। 

ग़ुस्ल की नियत अगर आप करने चाहते है तो आप यह नियत कर सकते है कि मैं इस लिए नहाता हूँ कि मैं तेरी इबादत कर सकूँ और तेरा क़रीबी बाँदा बन सकूँ। 

बस यह नियत बहुत है इस नियत के साथ अगर आप ग़ुस्ल करते है तो इस से आप को बहुत सबाब मिलेगा और ग़ुस्ल में नियत फ़र्ज़ है तो अगर आप नियत के बगैर ग़ुस्ल करते है तो आप का ग़ुस्ल नहीं होगा तो जब भी आप ग़ुस्ल करें तो नियत ज़रूर करें। 

ghusl ki niyat in english


ghusl ki niyat in english

e allah mein teri ibadat ke liye ghusl karta hun aur taki tera qareebi banda ban sakun.
yah ghusl ki niyat hai agar aap bhi ghusl karein to is niyat ko zaroor karein.

jumma ka ghusl ki niyat

अगर आप जुम्मा कि नमाज़ पढ़ने जा रहे है तो आप ग़ुस्ल ज़रूर करेंगे।  बहुत से लोग यह सोचते है कि जुम्मा की नमाज़ के ग़ुस्ल केलिए अलग नियत है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। आप जैसे ग़ुस्ल की नियत करते है उसी तरह जुमा के ग़ुस्ल की नियत भी कर सकते है। 
अगर आप को कोई भी इस तरह की दुआएं बताए तो आप को उसे मानने की कोई ज़रुरत क्यूंकि इस तरह की दुआयें हदीसों में नहीं आयी है। 


ghusl ki niyat kaise karte hain

अगर आप को ग़ुस्ल की नियत कैसे करते है नहीं पता है तो हम आप को यह भी बता देते है। जब भी आप नहाने जाए तो नहाने से पहले इस की नियत कर सकते है। 


ghusl ke kitne farz hai in hindi


ग़ुस्ल के चार फ़र्ज़ है। बहुत से लोग समझते है कि ग़ुस्ल के बस तीन फ़र्ज़ है लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। बहुत से ब्लोग्स पर भी आप को यही गलत जानकारी मिलती है तो यह सब गलत ब्लोग्स से सतर्क रहे। 


ग़ुस्ल के चार फ़राइज़ 

नियत करना : अगर किसी ने नियत नहीं कि तो उस का ग़ुस्ल नहीं होगा। 
कुल्ली करना : अगर कोई ग़ुस्ल में कुल्ली नहीं करता है तो उस का ग़ुस्ल नहीं होगा।  ज़्यादातर लोग सीधे जाकर पानी बदन पर डाल लेते है तो उनका का ग़ुस्ल नहीं है। 
नाक में पानी डालना : नाक में उतना ही पानी डालना है जितना वुज़ू में डाला जाता है।  अगर कोई यह नहीं करता है तो उसका भी ग़ुस्ल नहीं होगा। 
सरे बदन पर पानी बहाना : पुरे बदन पर पानी ज़रूर जाना चाहिए अगर एक बाल भी सूखा रह गया तो ग़ुस्ल नहीं होगा। 
यह ग़ुस्ल के चार फ़र्ज़ है अगर आप में कोई भी इन में से कोई भी छोड़ देता है तो उसका ग़ुस्ल नहीं होगा। 

nahane ki dua in hindi


nifas ka ghusl ki dua

जिस तरह हम ने आप को पहले ही बता दिया है कि ग़ुस्ल की असल में कोई भी दुआ नहीं है। तो nifas ka ghusl ki दुआ भी नहीं है लेकिन आप अपने दिल मैं यह नियत कर सकते है। 
मैं पाक होकर अल्लाह की इबादत करने केलिए यह ग़ुस्ल करती हूँ। 

 
आखरी शब्द 
उम्मीद करता हूँ कि आप को यह पोस्ट ज़रूर पसंद आयी होगी। इस पोस्ट में हम ने आप को वह पूरी जानकांरी देने की कोशिश की है जो हमें इस टॉपिक के बारे में पता है। 
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