ghusl ki dua for ladies in hindi

ghusl ki dua for ladies in hindi

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गुसल हर किसी पर फ़र्ज़ है. अगर आप नापाक हो जाते है तो आप को ग़ुस्ल करना पड़ता है फिर चाहे आप मर्द हो या फिर औरत. औरतों को ऐसा लगता है की मर्द का ग़ुस्ल का तरीका अलग है उनके ग़ुस्ल के फ़राइज़ अलग है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं जिस तरह मर्द का तरीका है उसी तरह औरत का भी तरीका है बस औरत को चोटी को न खोलने की इजाज़त है. 

तो जो मर्द के ग़ुस्ल की दुआ है वही दुआ औरत के भी ग़ुस्ल की है. तो आज इस ब्लॉग पोस्ट में हम आप को यह बताएंगे की ग़ुस्ल की दुआ फॉर लेडीज इन हिंदी क्या है तो इस पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़ें.


ग़ुस्ल क्या है?

ग़ुस्ल एक अरबी भांषा का शब्द है. इस का मतलब है की नहाना. इस्लाम में नहाने का एक अलग तरीका है. इस्लाम में नहाने केलिए भी दुआ है ताकि आप का यह नहाना अल्लाह केलिए हो और आप को सबाब मिल सके. तो आज इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम आप को ग़ुस्ल की दुआ फॉर लेडीज इन हिंदी के बारे में बताएंगे तो इस पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़ें.


ग़ुस्ल के फ़र्ज़

ग़ुस्ल में तीन फ़र्ज़ है.

कुल्ली करना: जिस तरह आप वुज़ू में कुल्ली करते है उसी तरह आप को ग़ुस्ल में भी कुल्ली करनी है और यह फ़र्ज़ है.

नाक में पानी डालना: जिस तरह आप वुज़ू में नाक में पानी डालते है ग़ुस्ल में भी नाक में पानी डालना है 

सारे बदन पर पानी बहाना यह भी ग़ुस्ल का एक फ़र्ज़ है अगर आप के बदन का एक भी हिस्सा सूखा रह गया तो आप का ग़ुस्ल नहीं होगा 


 ग़ुस्ल की दुआ फॉर लेडीज इन हिन्दी

 मुसल्मान अपना हर काम अल्लाह पाक केलिए करना चाहता है. मुस्लमान हर काम को करने से पहले उस काम को करने की दुआ पढता है ताकि वह काम पूरा हो जाये और उसे अल्लाह की तरफ से सबाब भी मिले. मुस्लमान हर दुआ को जानने की इक्छा की वजह से कुछ ऐसी दुआ को भी सर्च करने लगता है जो की हदीसों में भी नहीं आयी है और न ही किसी आलिम ने बताई है. ऐसे में बहुत सी वेबसाइट आप को झूंटी दुआ बता देते है और आप उसी दुआ को पढ़ने लग जाते है. 

तो असल में ग़ुस्ल की दुआ फॉर लेडीज इन हिंदी ऐसी कोई भी दुआ नहीं है. ग़ुस्ल करने के लिए आप को बस नियत करने की ज़रुरत है और आप की नियत ही उस दुआ का काम करती है.


 डिलीवरी के बाद ग़ुस्ल की दुआ

डेलीवेरय के बाद औरत ज़रूर नापाक हो जाती है और अगर वह उस के बाद ग़ुस्ल भी कर ले तो कुछ दिनों तक तो उस को खून ज़रूर आएगा तो वह ज़्यादा समय तक पाक नहीं रह सकती है. अगर उस के ४० दिन पुरे हो गए और उस का गन्दा खून रुक गया फिर वह नहाने के लिए जाती है तो वह डिलीवरी के बाद ग़ुस्ल की दुआ पढ़ सकती है. लेकिन ऐसी भी कोई दुआ हादसों में तो नहीं आयी है. तो फिर से वह अपने दिल में अल्लाह की इबादत का इरादा कर ले और ग़ुस्ल और पाकि की नियत कर ले बस उस की दुआ हो जाएगी. 

आशा करते है की आप को यह पोस्ट ज़रूर पसंद आयी होगी इस पोस्ट में हम ने आप को ग़ुस्ल की दुआ फॉर लेडीज के बारे में बताया 

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